पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर भारत सरकार का प्रतिबंध – पूरी सूची, सब्सक्राइबर्स और प्रभाव

The Government of India has banned 16 Pakistani YouTube channels,

भारत सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा, सांप्रदायिक सौहार्द और गलत सूचना के प्रसार के कारण कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर प्रतिबंध लगाया है। यह कदम आईटी नियम, 2021 के तहत लागू किया गया है और इसने डिजिटल संप्रभुता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर बहस छेड़ दी है। यह लेख प्रतिबंधित चैनल्स की विस्तृत सूची, उनके सब्सक्राइबर्स और इस निर्णय के व्यापक प्रभावों को प्रस्तुत करता है।

प्रतिबंधित पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स की सूची और सब्सक्राइबर्स

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गृह मंत्रालय की सलाह पर पाहलगाम आतंकी हमले के बाद 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर प्रतिबंध लगाया। इन चैनल्स पर उत्तेजक सामग्री, फर्जी खबरें और भारत-विरोधी नैरेटिव्स फैलाने का आरोप था। नीचे प्रतिबंधित चैनल्स और उनके अनुमानित सब्सक्राइबर्स की सूची दी गई है:

  1. Dawn News – ~35 लाख सब्सक्राइबर्स
  2. Samaa TV – ~72 लाख सब्सक्राइबर्स
  3. ARY News – ~1.2 करोड़ सब्सक्राइबर्स
  4. Geo News – ~1.4 करोड़ सब्सक्राइबर्स
  5. BOL News – ~50 लाख सब्सक्राइबर्स
  6. Raftar – ~18 लाख सब्सक्राइबर्स
  7. The Pakistan Reference – ~5 लाख सब्सक्राइबर्स
  8. Samaa Sports – ~12 लाख सब्सक्राइबर्स
  9. GNN – ~45 लाख सब्सक्राइबर्स
  10. Uzair Cricket – ~3 लाख सब्सक्राइबर्स
  11. Umar Cheema Exclusive – ~2 लाख सब्सक्राइबर्स
  12. Asma Shirazi – ~4 लाख सब्सक्राइबर्स
  13. Muneeb Farooq – ~1.5 लाख सब्सक्राइबर्स
  14. Suno News HD – ~20 लाख सब्सक्राइबर्स
  15. Razi Naama – ~2.5 लाख सब्सक्राइबर्स
  16. Irshad Bhatti – ~6 लाख सब्सक्राइबर्स

X पर कुछ पोस्ट में Caught Behind (राशिद लतीफ द्वारा), Syed Muzammil, Aarzoo Kazmi, The Pakistan Experience, Wasay Habib, Rizwan Haider, और Arslan Naseer जैसे चैनल्स के भी प्रतिबंधित होने का जिक्र है, हालांकि उनके सब्सक्राइबर्स की जानकारी उपलब्ध नहीं है। 16 प्रमुख चैनल्स का कुल सब्सक्राइबर बेस लगभग 6.3 करोड़ है, जो एक विशाल दर्शक वर्ग को दर्शाता है।

प्रतिबंध के पीछे के कारण
भारत सरकार ने प्रतिबंध के लिए निम्नलिखित कारण बताए:

  • गलत सूचना अभियान: इन चैनल्स पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर और भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विशेष रूप से पाहलगाम हमले के बाद, फर्जी खबरें फैलाने का आरोप था।
  • सांप्रदायिक उकसावा: उनकी सामग्री को भड़काऊ माना गया, जिसमें धार्मिक समूहों के बारे में झूठे नैरेटिव्स को बढ़ावा देकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की क्षमता थी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा: इन चैनल्स को गलत सूचना के माध्यम से भारत की संप्रभुता को कमजोर करने के समन्वित प्रयासों का हिस्सा माना गया।

यह कार्रवाई एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसमें दिसंबर 2021 से अब तक 100 से अधिक यूट्यूब चैनल्स, भारतीय और पाकिस्तानी दोनों, इसी तरह के कारणों से प्रतिबंधित किए गए हैं।

प्रतिबंध का प्रभाव
इस प्रतिबंध के व्यापक परिणाम हैं:

  1. डिजिटल संप्रभुता को मजबूती: यह भारत के डिजिटल स्पेस को नियंत्रित करने और विदेशी प्रचार का मुकाबला करने के प्रयासों को रेखांकित करता है।
  2. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चिंताएं: आलोचक तर्क देते हैं कि ऐसे प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित कर सकते हैं, जबकि समर्थक इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक मानते हैं।
  3. कंटेंट क्रिएटर्स पर असर: शोएब अख्तर जैसे चैनल्स, जो गैर-समाचार सामग्री पर ध्यान केंद्रित करते हैं, भारत में अनपेक्षित वित्तीय और पहुंच-संबंधी नुकसान झेलते हैं।
  4. भारत-पाकिस्तान संबंध: इंदस वाटर्स संधि के निलंबन जैसे कदमों के साथ, ये प्रतिबंध द्विपक्षीय तनाव में वृद्धि का संकेत देते हैं।

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