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8वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय करीब 1.2 करोड़ लोगों को प्रभावित करेगा, जिसमें लगभग 49 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं।

न्यूनतम वेतन में प्रस्तावित वृद्धि

विशेषज्ञों का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच तय किया जा सकता है। इस समायोजन से न्यूनतम मूल वेतन वर्तमान ₹18,000 से बढ़कर लगभग ₹51,480 प्रति माह हो सकता है, जो करीब 186% की वृद्धि दर्शाता है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

वेतन आयोग हर दशक में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन की सिफारिश करने के लिए गठित किया जाता है। जनवरी 2016 में लागू 7वें वेतन आयोग ने न्यूनतम मूल वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया था, जिसमें 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था।

महंगाई भत्ते की स्थिति

जुलाई 2024 से, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मूल वेतन का 53% महंगाई भत्ता/राहत मिल रही है। अगला समायोजन जनवरी 2025 में निर्धारित है।

आर्थिक प्रभाव

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन से:

प्रधानमंत्री मोदी ने इस निर्णय को सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार और अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने वाला बताया है।

क्या होगा फायदा?

8वें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है।

पहले और अब का अंतर

7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था, जिसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 था और न्यूनतम वेतन ₹7,000 से ₹18,000 कर दिया गया था।
8वें वेतन आयोग से यह आंकड़ा दोगुने से अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

वित्तीय प्रभाव और लाभ
अगले कदम

मंत्रिमंडल ने यह भी घोषणा की है कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। केंद्र और राज्य सरकारों सहित अन्य हितधारकों से परामर्श के बाद आयोग अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा।

महंगाई भत्ता (DA) में वृद्धि का लाभ भी जारी

2024 के जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों को 53% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। अगले संशोधन की उम्मीद जनवरी 2025 में है, जो कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त राहत लेकर आएगा।

निष्कर्ष

8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

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